जब Virendra Sehwag ने Dhoni की वजह से संन्यास लेने का किया फैसला, सचिन ने बचाया करियर

टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) अक्सर अपनी चर्चाओं की वजह से सुर्खियों में छाए रहते हैं जहां एक बार फिर से उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी (Dhoni) को लेकर एक बहुत बड़ा खुलासा किया है और बीते वक्त की बात को दोहराते हुए बताया कि किस तरह वीरेंद्र सहवाग के खराब प्रदर्शन की वजह से महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया था और सहवाग ने ओडीआई से संन्यास लेने का फैसला ले लिया था तब सचिन तेंदुलकर वीरेंद्र सहवाग के लिए मसीहा बने थे.
Dhoni ने कर दिया था टीम से बाहर
वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने साल 2008 की बात की चर्चा करते हुए बताया कि जब टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी उस वक्त उन्होंने भारत के पहले चार मैचों में 6,33, 11 और 14 रन बनाए थे जिसके बाद धोनी ने उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया था. हालांकि इस सीरीज में भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी लेकिन सहवाग ने उस मैच में कोई भूमिका नहीं निभाई तब उनके दिमाग में रिटायरमेंट का सवाल घूम रहा था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपनी वापसी के साथ- साथ हर किसी को मुंहतोड़ जवाब दिया.
“MS Dhoni dropped me from the playing XI. Then the thought of quitting ODI cricket came to my mind. I thought I will continue playing only Test cricket,” Virender Sehwag said on Cricbuzz show ‘Match Party’.
— CBTF Speed News (@cbtfspeednews) June 2, 2022
सचिन तेंदुलकर बने मसीहा
महेंद्र सिंह धोनी (Dhoni) द्वारा वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) को टीम से बाहर निकाले जाने पर सहवाग के मन में बार-बार यह बात घूम रही थी कि अब उन्हें वनडे क्रिकेट छोड़ देना चाहिए और केवल टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहिए लेकिन ऐसे वक्त में सचिन तेंदुलकर ही थे जिन्होंने सहवाग को सन्यास लेने से रोका और कहा कि कुछ देर घर जाओ सोचो और फिर तय करो कि क्या करना है जहां वीरेंद्र सहवाग बताते हैं कि वह मेरा सौभाग्य था कि मैंने अपने संन्यास की घोषणा नहीं की.
इस तरह सहवाग ने खुद को बदला
वीरेंद्र सहवाग बताते हैं कि हर खिलाड़ी के जीवन में उतार-चढ़ाव आता है. कभी वही खिलाड़ी खूब शानदार फॉर्म में रहता है तो एक समय ऐसा भी आता है जब उस खिलाड़ी को अपने खराब प्रदर्शन की वजह से काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ता है. खिलाड़ी दो तरह के होते हैं एक वैसे जो चुनौतियों पसंद होती है और दूसरे ऐसे खिलाड़ी होते हैं जिन्हें यह परवाह नही होती कि कौन उनकी आलोचना कर रहा है. सहवाग ने बताया कि वह भी उन खिलाड़ियों की सूची में आ गये जिसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था कि लोग उनके बारे में क्या कह रहे हैं.
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