ऐसा क्या हुआ जो Sachin Tendulkar रोते-रोते मैदान से हो गए बाहर

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने खेल से पूरी दुनिया में एक अलग पहचान बनाई है. यही वजह है कि उन्हें क्रिकेट का भगवान भी कहा जाता है और लोग उनकी पूजा करते हैं. आज सचिन तेंदुलकर कई लोगों के लिए एक प्रेरणा है जिनसे सीख कर आज कई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन यह बात शायद ही किसी को पता होगी कि सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के लिए मास्टर मास्टर बनने की कहानी बिल्कुल भी आसान नहीं थी. एक वक्त था जब उनकी भी आंखों से आंसू निकल आए थे.
तेंदुलकर ने बताई पूरी घटना
दरअसल सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने टि्वटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने 35 साल पहले एक घटी हुई घटना का जिक्र किया है. सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने पहले अंडर-15 मैच की कहानी साझा की है.
जिसमें उन्होंने बताया कि पुणे के पीवाईसी क्लब में खड़ा हूं. यहां मै मुंबई की टीम से पहला अंडर-15 मैच खेला था. वह इस ग्राउंड का पुराना पवेलियन है. मैं यहां नॉन स्ट्राइक पर था और बल्लेबाजी कर रहे थे राहुल. वह मुझसे ढाई साल बड़े थे और दौड़ने में बहुत तेज है. उन्होंने ऑफ ड्राइव लगाया था और तीसरे दिन के लिए मुझे पुश किया उस वक्त मेरे अंदर वह स्पीड नहीं थी और मैदान रन आउट हो गया.
रोते-रोते गए थे Sachin Tendulkar
मैदान में जाकर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने 35 साल पुरानी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जब मैं आउट हो गया था उस वक्त मैंने केवल 4 रन बनाए थे और मुझे आज भी याद है कि मैं इस मैदान से पवेलियन तक रोते-रोते गया था क्योंकि यह मेरा पहला मैच था और मैं इसमें शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाया. बाद में मुझे सीनियर खिलाड़ियों ने समझाया कि इस बात को भूल जाओ, आगे भी कई मौके मिलेंगे लेकिन मैं अपने खराब प्रदर्शन से काफी मुश्किल इमोशनल हो गया था.
फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा
आज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का नाम पूरी दुनिया में छाया हुआ है जहां उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट का किंग भी कहा जाता है. दरअसल उन्होंने 15 नवंबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू किया था. इसके बाद उनका करियर शानदार होता गया और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. सबसे ज्यादा शतक जैसे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का रिकॉर्ड भी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के नाम है. इतना ही नहीं 200 टेस्ट मैच खेलने वाले वह इकलौते बल्लेबाज हैं. इसके अलावा उन्होंने 463 वनडे मैच भी खेले हैं.
यह भी पढ़ें- Team India के इस खिलाड़ी के नाम दर्ज है सबसे ज्यादा ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ अवार्ड